डिजिटल डेस्क ( नई दिल्ली ):-
सम्पादन :- अश्वनी चौहान
2 अगस्त 2025 का दिन खगोल प्रेमियों और आसमान को निहारने वालों के लिये बेहद ख़ास होने वाला है | इस दिन होने वाला सूर्य ग्रहण एक दुर्लभ खगोलया घटना है , जो पृथ्वी से एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी| यह ग्रहण वैज्ञानिकों के लिये अध्यन का एक सुनेहरा अवसर है और आम लोगों के किये जीवन भर याद रहने वाला एक रोमांचक अनुभव |

सूर्यग्रहण 2025 का समय और दृश्यता :-
खगोलीय विशेषज्ञों के अनुसार , 2 अगस्त 2025 का सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से भारत में दिखाई देगा | यह ग्रहण एशिया के काफी हिस्सों के साथ साथ यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाए देगा | नार्थ अमेरिका के देश इस खगोलीय घटना के गवाह नहीं बन पाएंगे |
कई रिपोर्ट्स यह दावा कर रही हैं की यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है लेकिन NASA ने इसे खंडित करते हुए ब्यान जारी किया है की पूर्ण सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को है जिसे सद्दी का सूर्यग्रहण भी कहा जा रहा है | यह एक ऐसी खगोलीय घटना होगी जो कई दशकों से नहीं देखी गई है और इसके बाद 2114 तक ऐसा सूर्यग्रहण नहीं देखा जाएगा |
2 अगस्त 2027 को लगने वाले सूर्यग्रहण के दिन धरती के एक बड़े भूभाग पर 6 मिनट 22 सेकंड तक अँधेरा छा जाएगा| 1991 के बाद ऐसा नहीं हुआ है | यह ग्रहण लगभग 258 किलोमीटर चौड़े एक संकरे पथ पर दिखाई देगा और पृथ्वी की सतह के 15227 किलोमीटर के हिस्से को कवर करेगा |
Nasa के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ये ग्रहण स्पेन , मोररको , अल्जीरिया, तुनिशिया , सूडान , सऊदी अरब , से होते हुए लगभग 11 देशों के हिस्सों से होकर गुजरेगा |
इसके बाद 21 सितम्बर 2025 को साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण लगेगा और ये भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण ही होगा | 2 अगस्त 2025 को लगने वाला सूर्यग्रहण भारतीय समय अनुसार रात को 10:59 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 3:23 पर समाप्त होगा, यानी इस सूर्य ग्रहण की अवधि तकरीबन 4:30 घंटे की रहेगी |
यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा , यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया , इंडोनेशिया और दक्षिणी प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा |
यह ग्रहण क्यों खास है ?
. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा, सूरज और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है |
. 2 अगस्त 2025 का सूर्य ग्रहण इस लिये ख़ास है क्योंकि 2025 की यह एक प्रमुख खगोलीय घटना है |
. खगोलशास्त्रयों के अनुसार , इस ग्रहण के दौरान आसमान में अद्भुत प्रकाश और रंगों का खेल देखने को मिलेगा |
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व :-
भारतीय परंपरा में सूर्य ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है | इस दौरान कई लोग स्नान , मंत्र जाप और पूजा करते हैं| ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है|
चूँकि भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा इसलिये इसका सूतक भी भारत में मान्य नहीं होगा |
सुरक्षित रूप से सूर्यग्रहण कैसे देखें ?
. कभी भी सीधी आँखों से सूर्य ग्रहण न देखें |
. विशेष सोलर फ़िल्टर वाले चश्मे या फिर टेलिस्कोप का प्रयोग करें |
. साधारण धूप का चश्मा या कांच का टुकड़ा सूर्यग्रहण देखने के लिये सुरक्षित नहीं है |