डिजिटल डेस्क ( नई दिल्ली ):-
तारीख थी 15 नवंबर 2013 , जगह थी मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम , सामने थी वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम और अपना 200 वां ( और आखिरी )टेस्ट मैच खेल रहे थे सचिन तेंदुलकर| 74 रन बना कर वेस्ट इंडीज के स्पिनर नरसिंह देवनारिन ने सचिन को डैरेन सैमी के हाथों कैच आउट करवा दिया और इस तरह यह समय भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिये अमर हो गया |
सचिन एक मात्र ऐसे क्रिकेटर रहे जिन्होंने कभी भी ऐसे प्रोडक्ट्स का प्रचार नहीं किया जिनसे समाज का बुरा हो , न कोई सट्टेबाजी के एप्लीकेशन का प्रचार न किसी गुटखा , शराब, तम्बाखू का प्रचार , इसीलिये शायद यह शख्स बाकी सभी से अलग रहा |
सचिन के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद बहुत से प्रतिभावान क्रिकेटर भारतीय क्रिकेट टीम में अभी तक आ चुके हैं उनमें से कुछ बेशक रिकार्ड्स के मामले में सचिन के पास पहुँच गए हों लेकिन मोरल वैल्यूज के मामले में सचिन तेंदुलकर के पीछे दूर दूर तक कोई नहीं दिखता है |
आज जो भी खिलाड़ी स्पोर्ट्स में और ख़ास कर क्रिकेट में आ रहे हैं उनको सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिये पैसे कमाने से मतलब है , बाकी जो समाज उन्हें इतनी ऊंचाई तक पहुंचता है उसके प्रति वे अपनी कोई जिम्मेवारी नहीं समझते हैं , और न ही समझना चाहते हैं , बस उनके बैंक अकाउंट में पैसा आता रहे और बाकी लोग जो उनको अपना आइडल मानते हैं वे भाड़ में जाएं |
पुर्तगाल के क्रिस्टिआनो रोनाल्डो :-
सचिन तेंदुलकर के ही समान एक और खिलाडी हैं पुर्तगाल के क्रिस्टिआनो रोनाल्डो जिन्होंने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण देते हुए मैच के बाद होने वाले प्रेस कांफ्रेंस में अपने सामने टेबल पर रखे कोका कोला के बॉटल्स को हटा कर उनको वहां साफ़ पानी के बॉटल्स से बदल दिया |
क्रिस्टिआनो रोनाल्डो द्वारा किये गए इस काम से एक ही झटके में कोका कोला कंपनी के शेयर्स में भरी गिरावट आई थी और उन्हें 1 बिलियन US डॉलर्स का नुक्सान उठाना पड़ा था | कोका कोला उस समय यूरो 2020 का ऑफिसियल स्पांसर था लेकिन क्रिस्टिआनो रोनाल्डो ने उसकी परवाह न करते हुए जो सही था वही किया |
एक और खिलाडी फ्रांस के फुटबॉल प्लेयर पॉल पोग्बा ने euro 2020 में ही मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस से उनके सामने रखी बियर के बोतल को टेबल से हटा दिया |
ये सब खिलाडी अपने -अपने खेलों के बेहतरीन खिलाड़ी हैं और इन्हे ये सब कम्पनीज इन्हें अपने अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार करने मात्र के लिये ही करोड़ों रुपये देने के लिये लाइन में लगी रहती हैं, लेकिन इन सब ने पैसों के ऊपर अपने मोरल वैल्यूज को ऊपर रखा और समाज में बेहतरीन उदाहरण पेश किया |
नीरज चोपड़ा :-
भारत को ओलंपिक्स में एक गोल्ड और एक सिल्वर मैडल दिला चुके नीरज चोपड़ा भी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अभी तक किसी भी ऐसे प्रोडक्ट के प्रचार से दूर हैं जिनसे समाज में किसी भी प्रकार से कोई गलत संदेश जाए , और हम उम्मीद करेंगे की वो आगे भी ऐसे ही रहेंगे |
इन खिलाड़ियों से एक बात तो पता चलती है की options सभी के पास मौजूद होते हैं लेकिन कुछ so called सुपर स्टार्स सिर्फ अपने परिवार और अपने पैसे से मतलब रखते हैं जबकि कुछ के लिये उनके fans सबसे बड़े असेस्ट्स होते हैं, तो अगली बार अगर आपके दिमाग पर भी किसी को भी आइडल बनाने का भूत सवार हो तो कम से कम पहले उस व्यक्ति के बारे में अच्छे से जांच पड़ताल कर लें की वो उस काबिल है भी या नहीं |
नहीं तो 9 वी पास सटोरिये किसी स्टेट के education डिपार्टमेंट में सरकार के द्वारा न जाने समाज में उनके किस अतुलनीय काम के लिये ऊँची पोस्ट पर बैठ कर आपके बच्चों के लिये कोई पाठ तैयार करेंगे जिसके शीर्षक में सटोरिए आपके बच्चों को उनके सर्किल में बुलाएंगे ताकि आपका फाइनेंसियल लॉस हो सके इन so called फेक स्पोर्ट्स स्टार्स को आपसे और आपकी फॅमिली से कोई मतलब नहीं है , इसलिए आप भी भी इन सब से जितनी दूरी बना सकें उतना ही आपके और आपके परिवार के लिये अच्छा रहेगा |
Good 👍