दिनांक :- 06-06-2025
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खाव्जा आसिफ ने टीवी में दिये एक इंटरव्यू में बताया की उनकी सरकार ने शिमला समझौते को खत्म कर दिया है, इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया की पाकिस्तान 1948 के संयुक्त राष्ट्र समर्थित रुख पर वापिस लौट आया है, ख्वाजा आसिफ ने आगे इंटरव्यू में बताया की सिंधु जल समझौता खत्म हो या ना हो लेकिन शिमला समझौता अब खत्म हो गया है | हालाँकि उनके ब्यान दिये जाने के कुछ घंटो के बाद ही पाकिस्तानी सरकार के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में उनके ब्यान से पूरे तरह किनारा कर लिया गया | इससे पहले पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा था की कश्मीर में नियंत्रण रेखा को मान्यता प्राप्त सीमा की बजाये युद्ध बिराम रेखा माना जाए| ये पहले बार नहीं है की पाकिस्तान ने शिमला समझौते को एक तरफा खत्म किया हो , इससे पहले अगस्त 2019 में भी भारत के द्वारा अनुछेद 370 को निरस्त किये जाने के बाद भी पाकिस्तान ने शिमला समझौते को रद्द करते हुए भारत से सभी प्रकार के व्यापार बंद कर दिये थे|
शिमला समझौता है क्या ?
शिमला समझौता साल 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद साल 1972 में उस वक़्त भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंद्रा गाँधी और पाकिस्तान के उस वक़्त के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो की बीच हुआ था | यह समझौता 2 जुलाई 1972 को शिमला में हस्ताक्षरित किया गया था | इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की बीच शान्ति और स्थिरता पैदा करना था| समझौते मं यह तय किया गया था की दोनों देश अपने विवादों को आपसी बातचीत से हल करेंगे और किसी तीसरे पक्ष की मदद नहीं लेंगे | समझौते की मुख्य बातें:-
. विवादों का शांतिपूर्ण हल :- दोनों देशों के द्वारा तय किया गया के सभी विवादों का हल शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा |
. नियंत्रण रेखा का सम्मान :- दोनों देश जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा का सम्मान करेंगे और इसमें किसी तरह का कोई बदलाब नहीं किया जाएगा |
. युद्धबंदियों की वापसी:- भारत ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को रिहा करने का फैसला किया , जिन्हे पाकिस्तान के द्वारा आत्मसमर्पण किये जाने से पहले युद्धबंदी बनाया गया था |
. संबंधों के बहाली :- दोनों देशों ने आपसी संबाद, यात्रा , और सांस्कृतिक संबंधों को दोबारा शुरू करने का फैसला किया |
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