डिजिटल डेस्क ( नई दिल्ली ):-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 2 जुलाई 2025 से 9 जुलाई 2025 तक की जाने वाली विदेश यात्रा उनके अब तक 11 वर्षों के कार्यकाल की सबसे लंबी विदेश यात्रा है | इन 9 दिनों की यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ़्रीकी महाद्वीप के देश घाना से शुरू की , उसके बाद वे लैटिन अमेरिकन देश अर्जेंटीना , त्रिनिनाद & टोबैगो , ब्राज़ील से होकर अफ़्रीकी महाद्वीप के ही एक और देश नामीबिया पर यात्रा को खत्म करके 9 जुलाई 2025 को भारत वापिस आएँगे |
घाना में प्रधान मंत्री के 2 दिनों के प्रवास के दौरान भारत और घाना के बीच कई समझौते हुए, इनमें क्रिटिकल मिनरल्स (जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, कंप्यूटर, और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में होता है ) की डील बहुत जरूरी कदम है , घाना के पास इन क्रिटिकल मिनरल्स के अकूट भंडार हैं और घाना चाहता है की भारतीय कंपनिया इन क्षेत्रों में निवेश करे, हालाँकि चीन पहले ही घाना के अंदर काफी निवेश कर चुका है लेकिन घाना भी बाकी अफ़्रीकी देशों की तरह चीन के अलावा अन्य विकल्पों को तलाश रहा है और भारत इन विकल्पों में सबसे सटीक बैठता है |
भारत और घाना की बीच अभी सालाना 3 बिलियन us डॉलर का व्यापार होता है , जिसे अगले 5 सालों में 6 बिलियन us डॉलर करने की योजना है | भारत घाना से लगभग 70 प्रतिशत सोना आयत करता है जबकि भारत घाना को मेडिकल इक्विपमेंट्स , दवाईआं , अलग अलग तरह की खाद्यान एक्सपोर्ट करता है , इसके अलावा भारत घाना को अपने रक्षा उपकरणों की लिये भी एक महतवपूर्ण बाजार की रूप में देख रहा है |
इन सब के बीच घाना के राष्ट्रपति डॉ जॉन महामा ने प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ” द ऑफिसर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ द स्टार ऑफ़ घाना ” से सम्मानित किया |
तीन दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा (घाना की) की गयी यह पहली विदेश यात्रा है | इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिनाद और टोबैगो पहुंचे| 3-4 जुलाई तक त्रिनिनाद – टोबैगो में आपसे व्यापार और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया |
त्रिनिनाद और टोबैगो ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान “आर्डर ऑफ़ रिपब्लिक ऑफ़ त्रिनिनाद एंड टोबैगो” से सम्मानित किया |
यात्रा के तीसरे चरण में 4-5 जुलाई 2025 तक प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना में रहे | वहां उन्होंने अर्जेंटीना की साथ रक्षा , कृषि, खनन , तेल और गैस जैसे क्षेत्रों में आपसे साझेदारी को और मजबूत करने पर जो दिया |
प्रधानमंत्री मोदी को अर्जेंटीना में ” (key to the city of Buenos Aires )” देकर सम्मानित किया गया | इन सब के बीच में भारत और अर्जेंटीना ने ड्रोन टेक्नोलॉजी की साथ साथ अर्जेंटीना में मौजूद lithum की भंडारों की बारे में भी चर्चा की |
अपने दौरे की चौथे चरण में प्रधानमंत्री मोदी 5-8 जुलाई तक ब्राज़ील में रहे | इस दौरान उन्होंने वहां ब्रिक्स की समिट में भी भाग लिया और इसके साथ कई अन्य देशों के नेताओं की साथ कई मुद्दों पर चर्चा करी| ब्राज़ील लैटिन अमेरिकन उपमहाद्वीप में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी है |
6-7 जुलाई को हुए ब्रिक्स के 17 वे सम्मेलन में हालाँकि चीन और रूस के राष्ट्रपतियों ने भाग नहीं लिया , ये पहला मौका है जब चीन के राष्ट्रपति ने इस सम्मेलन में भाग नहीं लिया इसको लेकर भी अटकलों का बाजार काफी गर्म रहा कि क्या अब चीन के लिये ब्रिक्स का महत्व कम हो गया है|
17 वे ब्रिक्स सम्मेलन में जारी किये गए घोषणा पत्र में भारत और ब्राज़ील को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति का स्थाई सदस्य बनाने जाने के मांग भी के गयी है|इससे पहले ब्राज़ील ने भी प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ” grand कालर ऑफ़ द नेशन ऑर्डर ऑफ़ द सदर्न क्रॉस ” से सम्मानित किया| इस सम्मान को देते वक़्त ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने कहा के प्रधान मंत्री मोदी को दिया गया यह सम्मान भारत और ब्राज़ील कि दोस्ती का प्रतीक है |
ब्रिक्स में चीन के राष्ट्रपति के शामिल न होने के पीछे उनकी तबीयत ठीक नहीं होने की वजह भी बताई जा रही है , उनकी खराब तबीयत की अटकलों के बीच बेलारूस के राष्ट्रपति की उनसे पिछले महीने हुए मुलाकात में भी उनके असहज रहने के बारे में खुद बेलारूस की राष्ट्रपति की द्वारा बतया गया था |
अपने दौरे के आखिरी चरण में 9 जुलाई को प्रधानमंत्री नामीबिया पहुंचेंगे वहां पर औपचारिक स्वागत के बाद प्रधानमंत्री का नामीबिया की संसद को भी सम्बोधित करने का कार्यक्रम है , इसके साथ ही कई अन्य मुद्दों पर भी दोनों देशों की बीच बातचीत की जानी है | नामीबिया में प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस विदेश यात्रा को समाप्त करके भारत वापिस आएँगे |
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Well said