samachaartime.com

अंडमान और निकोबार आइलैंड , भारत का अपना सऊदी अरब !

पोर्ट ब्लेयर :- आबादी के हिसाब से दुनिया का पहले नंबर का देश भारत, दुनिया के चौथी सबसे शक्तिशाली फ़ौज , पुराने समय में सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की लिये दुनिया के बहुत से देशों पर निर्भर रहना पड़ता है, और कई बार न चाहते हुए भी ऐसे फैंसले लेने पड़ते हैं जो की जन हित में बिलकुल भी नहीं होते हैं लेकिन उन फैसलों से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती हैं |

समय समय पर पेट्रोल और डीजल के साथ साथ घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें ऐसे ही कुछ फैंसले हैं, जिनसे भारत की जनता रूबरू होती रहती है | इन सब की मुख़्य वजह यह है की भारत को कच्चे तेल के साथ साथ नेचुरल गैस भी बाहर की देशों से मंगवानी पड़ती है जिसमे  भारत की हर साल लाखों करोड़ रुपये जाया हो जाते हैं|

भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का सिर्फ 13% ही घरेलू उत्पादन कर पता है, जबकि भारत को 87%  बाहर की देशों से मंगवाना पड़ता है| इसी परेशानी को दूर करने के लिये भारत सरकार अपनी अलग अलग एजेंसिओं को भारत में अलग अलग क्षेत्रों में कच्चे तेल और नेचुरल गैस का पता लगाने को कहती है |

हालांकि यह एक काफी ज्यादा रिस्क से भरा हुआ काम होता है और पूरी तरह इन्वेस्टमेंट करने के बाद भी 100% नहीं बताया जा सकता है की सफलता अपेक्षा के अनुरूप मिलेगी भी या नहीं |

इसी क्रम में अब Oil India limited ने अंडमान बेसिन में vijaya puram-1 कुँए के खुदाई शुरू की है जो की एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है | हरदीप सिंह पुरी भारत के पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्री ने अपने एक इंटरव्यू की दौरान बताया की भारत को अंडमान और निकोबार की पास तकरीबन 2 लाख करोड़ लीटर कच्चे तेल का भंडार मिल सकता है|

                        अगर भारत इतना कच्चे तेल की भंडार को प्राप्त करने में सफलता हासिल करता है तो भारत के लिये ये एक टर्निंग पॉइंट साबित होगा | हरदीप सिंह पुरी की बात को अगर सही माने तो भारत की इकॉनमी इस खोज से अपनी आज की स्थिति से 5 गुना ज्यादा कुछ ही सालों  में हो जाएगी |

आज भारत की इकॉनमी 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है , और वह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसका सीधा सा मतलब यह है की भारत की इकॉनमी 20 ट्रिलियन डॉलर की आस पास पहुँच जाएगी| दुनिया की अगर पांच सबसे बड़ी इकॉनमी को देखें तो अमेरिका पहले स्थान पर है ,चीन दूसरे स्थान पर है, जबकि जर्मनी तीसरे स्थान पर है|

U.S.A. 30.507 Trillion Dollar
CHINA 19.23 Trillion Dollar
GERMANY 4.9 Trillion Dollar
INDIA 4.187 Trillion Dollar
JAPAN 4.186 Trillion डॉलर     

साल 2024  में भारत ने अपनी जरूरत का 37.25% कच्चा तेल रूस से जो की लगभग 1.7 मिलियन barrels प्रतिदिन , 23% कच्चा तेल इराक से जो की लगभग 940,000 barrels प्रतिदिन , 7.93% कच्चा तेल UAE से जो की लगभग 423,000 प्रतिदिन, 7% कच्चा तेल अमेरिका से जो की लगभग 215,000 प्रतिदिन , इसके साथ 2.91% कुवैत से , 2.63% अंगोला से , 2.38 % नाइजीरिया से इम्पोर्ट किया|

भारत ने साल 2024-25  में अपने कच्चे तेल के आयात पर लगभग 150 बिलियन अमेरिकन डॉलर खर्च किये|

अंडमान निकोबार भारत की सामरिक दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण जगह है यहाँ से पूरी दुनिया की एक चौथाई तेल की जहाज होकर गुजरते हैं | हरदीप सिंह पूरी आगे बताते हैं की अंडमान में तेल की अपेक्षित भंडार का क्षेत्रफल गुयाना नाम के देश के बराबर है | गुयाना दुनिया में तेल उत्पादन की मामले में 17 बे स्थान पर आता है |                                                                

       

हरदीप सिंह पुरी आगे बताते हैं की ना सिर्फ अंडमान बेसिन में तेल की भंडार मिले है बल्कि देश में और भी कई जगह लगातार सर्वे और खुदाई का काम चल रहा है , जिससे भविष्य में भारत को और भी कई जगह कच्चा तेल मिलने की पूरी संभावना है , इनमे अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश की बलिआ जिले में  ONGC ने खुदाई का काम शुरू किया है जिससे वह 3000 मीटर तक खुदाई करेंगे , उसके बाद ही वहां से पुख्ता रूप से पता चल पाया की वहां कितना तेल है |

भारत में अभी तक कच्चा तेल उत्पादन की मामले में राज्यस्थान पहले नंबर पर है जबकि इसके बाद गुजरात दुसरे नंबर पर और आसाम तीसरे नंबर पर  आता है | 

Exit mobile version