नई दिल्ली ( भारत ):-
. रूस – यूक्रेन युद्ध
24 february 2022 ये वो तारीख है जब रूस ने ukrain पर आक्रमण किया था , वास्तव में इस युद्ध का आधार 2014 में ही रख दिया गया था जब रूस ने क्रीमीआ पर हमला करके उसे ukrain से छीन लिया था| उस समय आज के ukrain के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेन्स्की ने राजनीति में प्रवेश भी नहीं किया था |
एक अनुमान की अनुसार अकेले पोलैंड में ही 15 लाख , जर्मनी में 10 लाख, इटली स्पेन और ब्रिटेन में 1 लाख से अधिक ukrainian लोग रह रहे हैं | इस युद्ध में रूस अपने हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है , जबकि ukrain को पश्चिम के देश अपने हथियार दे रहे हैं| इस युद्ध में असल फायदा पश्चिम की देशों की वॉर इंडस्ट्री को हो रहा है, जिनमे मुख्यतः अमेरिका शामिल है|
. अर्मेनिआ – अज़रबैजान युद्ध :-
पहले साल 2020 और फिर साल 2022 में अर्मेनिआ और अज़रबैज़ान के बीच स्थित Nagorno-karabakh क्षेत्र को लेकर दोनों देश अब तक तीन जंगे लड़ चुके है | अर्मेनिआ क्षेत्रफ़ल और आबादी के हिसाब से अज़रबैज़ान से काफी छोटा देश है और इन जंगों में वह अज़रबैज़ान से हार चुका है|
भारत – पाकिस्तान युद्ध :-
22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को आतंकबादियों द्वारा निर्ममता से मारने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 7 -8 मई 2025 को दोनों देशों के बीच संघर्ष देखने को मिला| इस संघर्ष में भारत ने अपने स्वदेशी हथियारों के दम पर पकिस्तान को युद्ध बिराम मांगने के लिये मजबूर कर दिया|
. इजराइल – ईरान वॉर :-
13 जून 2025 के रात को इजराइल ने अपने लड़ाकू जहाजों से ईरान के कई मिलिट्री और nuclear फैसिलिटीज पर बमबारी करके ईरान के कई सैन्य उच्च अधिकारिओं को मौत के घाट उतार दिया | इजराइल ईरान के परमाणु प्रोग्राम के खिलाफ है और यह बिलकुल भी नहीं चाहता की ईरान परमाणु बम बना सके|
हुमेन राइट्स ग्रुप के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स के अनुसार इजराइल- ईरान युद्ध में अभी तक ईरान के तकरीबन 950 लोग इस बोम्बारी में मरे गये हैं जबकि इजराइल के 24 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है|
इसके अलावा भी दुनिया भर में कई और ऐसे देशों के बीच युद्ध की फाल्ट लाइन्स हैं जो कभी भी किसी बड़े युद्ध का आकार ले सकती हैं नार्थ कोरिया – साउथ कोरिया , चीन – ताइवान , चीन – जापान, चीन – फिलिपिन्स इनमे से कुछ प्रमुख देश हो सकते हैं |
लड़ाई चाहे किन्हीं भी दो देशों की बीच हो जीत वॉर इंडस्ट्री की ही होती है और हार दोनों देशों की जनता की जिन्हे उस लड़ाई की फिनेंशल कीमत किसी न किसी रूप में चुकानी पड़ती है |