डिजिटल डेस्क ( नई दिल्ली ):-
सम्पादन :- अश्वनी चौहान
प्रस्तावना
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत के निर्यात माल पर 50 प्रतिशत टेर्रिफ लगाने की घोषणा ने भारत अमेरिकी व्यापारिक संबंधों मैं तहलका मचा दिया है |यह कदम खासतौर पर भारत के द्वारा रूस से तेल खरीद के कारण लिया गया है| हालाँकि रूस से तेल लेने के मामले में भारत अभी भी दूसरे नंबर पर है पहले नंबर पर चीन आता है|
चीन को अमेरिका के द्वारा रूस से तेल खरीद पर छूट देने के पीछे एक बड़ी वजह चीन के द्वारा अमेरिका को रेयर एअर्थ मेटल्स का निर्यात करना माना जा रहा है| अगर अमेरिका चीन पर किसी भी तरह का प्रतिबंध लगता है तो चीन के द्वारा अमेरिका को रेयर earth मेटल्स का निर्यात बंद किया जा सकता है इस वजह से अमेरिका चीन पर चुप्पी साधे हुए है |
टेर्रिफ और इसकी पृष्ठ्भूमि
ट्रम्प प्रशाशन का कहना है के भारत रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीदता है , जो यूक्रेन युद्ध और रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के संदर्भ में अमेरिकी नीतिओं को प्रभावित करता है | अमेरिका ने पहले ही 25 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया हुआ था और अब उसके ऊपर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाकर इसे 50 प्रतिशत कर दिया है | अमेरिकी सरकार के इस निर्णय को भारत सरकार ने एकतरफा और अनुचित बताया है|
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया और राजनीतिक संदर्भ
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने खुल कर कहा है की वे अपने किसानो, मत्स्यपालकों और छोटे उद्यमिओं के हितों से समझौता नहीं करेंगे और इसके लिये हम भारी कीमत देने को तैयार हैं | इसमें किसानों का जिक्र इसलिये किया गया क्योंकि अमेरिका भारत में अपनी GM क्रॉप्स ( जिसमे मक्का , सोयाबीन इत्यादि फसलें हैं ) को बेचना चाहता है लेकिन इस फसलों में भारत आत्मनिर्भर है , तो अमेरिका से इनकी मॉडिफाइड स्वरूपों को लेना भारत के किसान के हितों से खिलवाड़ करना होगा |
किन सेक्टर्स पर होगा सबसे ज्यादा असर
. टेक्सटाइल व् परिधान :- अमेरिकी बाजार में कीमत संवेदनशीलता के कारण भारत का अमेरिका को निर्यात तेजी से घट सकता है इसका सीधा फयदा भारत के एक पडोसी देश बांग्लादेश को होता दिख रहा है क्योंकि बांग्लादेश पर टेर्रिफ 19 प्रतिशत के आस पास हैं इस वजह से बांग्लादेश से अमेरिका को निर्यात होने वाली टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स भारत की अपेक्षा सस्ते उपलब्ध होंगे |
. गहने :- अमेरिका भारत में निर्मित होने वाले गहनों की लिये एक बहुत बड़ा बाजार है लेकिन अब 50 प्रतिशत टेर्रिफ की बाद ये सेक्टर भी मंदी की मार झेलने वाला है |
. चमड़ा, फुटवियर और फर्नीचर :- 50 प्रतिशत टेर्रिफ की वजह से इन लेबर गहन उद्योगों में बड़ी नौकरी की क्षति का खतरा मंडरा रहा है |
. आईटी सर्विसेज :- परम्परागत तौर पर भौतिक माल पर टेर्रिफ का असर कम होता है लेकिन अभी हाल ही में अमेरिकी सरकार की द्वारा H-1B वीसा की फीस बढ़ोतरी करके इस सेक्टर को भी दबाब में लाने की पूरी कोशिश की जा रही है |
टेर्रिफ्स की कितनी बड़ी चोट
कुछ रिपोर्ट्स की अनुसार प्रभावित स्केटर्स ( जैसे की टेक्सटाइल , गहने , चमड़ा , फुटवियर , फर्नीचर ) का संयुक्त निर्यात लगभग 60.2 US बिलियन डॉलर से घट कर 18.6 बिलियन US डॉलर तक आ सकता है – यानि लगभग 70 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान | कुल मिलाकर अमेरिका के लिये भारत के निर्यात में भारी गिरावट का अनुमान है |
कुछ और रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो हम पाएंगे की फाइनेंसियल ईयर 2026 में भारत के द्वारा अमेरिका को किये जाने वाला निर्यात 86.5 बिलियन US डॉलर से घट कर 49.6 बिलियन US डॉलर तक रह सकता है – यानि सीधे सीधे 43 प्रतिशत की कमी |
निष्कर्ष – क्या उम्मीद कर सकते हैं
50% टेर्रिफ नीतिगत रूप से गहरा प्रभाव डालने वाली कार्यवाही है- तुरंत और मध्यम अब्धि दोनों में| मोदी प्रशाशन ने किसानो और घरेलू हितों की रक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा की हम बड़ी कीमत चुकाने को तैयार हैं जो यह दर्शाता है की भारत नीतिगत रूप से सहनशीलता और वैकल्पिक रणनीतिओं पर काम कर रहा है | भविष्य में दुईपक्षीय वार्ता और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की भूमिका अहम रहेगी |